नवरात्रि 2025 तिथि और पूजा विधि

Auspicious 2025 की नवरात्रि तिथियाँ और पूजा विधियाँ – Complete गाइड

मां दुर्गा की तस्वीर नवरात्रि 2025 के लिए – Navratri 2025 Dates and Puja Vidhi, शक्ति, भक्ति और नौ दिन की पूजा का प्रतीक

Navratri 2025 की तिथियाँ और पूजा विधियाँ – इस बार है और भी खास : पूरी जानकारी

नवरात्रि या नवरात्र हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। यह शब्द संस्कृत के “नव” (नौ) और “रात्रि” (रातें) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “नौ रातों का पर्व”। नवरात्रि हिन्दू धर्म में एक प्रमुख अति पवित्र पर्व है, जो साल में चार बार आता है।। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति/देवी की पूजा की जाती है। यह केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, संयम और शक्ति के जागरण का प्रतीक भी है। हर दिन देवी के एक अलग स्वरूप की पूजा कर उनके गुणों को जीवन में उतारने का प्रयास किया जाता है।
2025 में नवरात्रि खास इसलिए है क्योंकि यह वर्ष धार्मिक दृष्टि से कई शुभ संयोग लेकर आ रहा है।
शारदीय navratri 2025 की शुरुआत सोमवार से हो रही है, जो माँ दुर्गा के चंद्र स्वरूप की कृपा दिलाने वाला दिन माना जाता है।
इस वर्ष विजयादशमी भी 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) के दिन पड़ रही है, जो इसे और भी विशेष बनाती है।
साथ ही, पूर्ण गुप्त नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि भी शुभ तिथियों पर आ रही हैं, जो साधकों और भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का श्रेष्ठ समय मानी जाती है।
Navratri 2025 सिर्फ पूजा-पाठ का मौका नहीं है, बल्कि यह नई शुरुआत करने और खुद को मजबूत बनाने का भी शुभ समय है।”
आज हम जानेंगे Navratri 2025 में कब है, पूजा विधि, मंत्र और खास उपाय जो आपके जीवन में सुख, शांति और सफलता ला सकते हैं।

नवरात्रि के प्रकार – पूरी जानकारी

चैत्र नवरात्रि: हिंदू नववर्ष की शुरुआत और राम नवमी के पूर्व आधारित वसंत उत्सव। इसलिए
चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु के आगमन के साथ प्रारंभ होकर , श्री राम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्री राम नवमी के साथ समाप्त होती है।
शारदीय नवरात्रि: सबसे प्रमुख और भारतभर में मनाई जाने वाली नवरात्रि हे शारदीय नवरात्रि। जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सर्व पितृ अमावस्या के अगले दिन अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है.शारदीय नवरात्रि के इस पावन अवसर पर देशभर में माँ दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं और नौ दिनों तक विविध धार्मिक अनुष्ठानों, गरबा, जगराते एवं सांस्कृतिक आयोजनों की धूम रहती है।
गुप्त नवरात्रि (आषाढ़ / माघ मास में):
गुप्त नवरात्रि विशेष साधना और तंत्र-साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। तांत्रिक अनुष्ठान, मंत्र सिद्धि, और विशेष साधनाओं के लिए यह उत्तम काल माना जाता है। 2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू हो रही है।

Navratri 2025 तिथि – संपूर्ण गाइड

📅 आरंभ तिथि 📅 समापन तिथि:

चैत्र नवरात्रि 2025 30 मार्च 2025 (रविवार) 7 अप्रैल 2025 (सोमवार)
शारदीय नवरात्रि 2025 22 सितंबर 2025 (सोमवार) 30 सितंबर 2025 (मंगलवार)
(विजयादशमी: 2 अक्टूबर)
गुप्त नवरात्रि (आषाढ़) 2025 26 जून 2025 (गुरुवार) लगभग 4 जुलाई 2025 (अनुमानित)

अधिक जानकारी और विस्तृत पंचांग विवरण के लिए आप Drik Panchang पर Navratri 2025 Dates and Puja Vidhi देख सकते हैं।

Navratri 2025 हर दिन की पूजा विधि और देवी का स्वरूप :

जैसे की ऊपर उल्लेख किया गया है कि,नवरात्रि के नौ दिन, माँ दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होते हैं। इन हर दिनों का अलग महत्व, रंग, मंत्र और पूजा विधि होती है। नीचे दिया गया विवरण आपको Navratri 2025 के हर दिन की सही पूजा विधि समझने में मदद करेगा:
1. प्रथम दिवस – शैलपुत्री माता
रंग: पीला
मंत्र: “ॐ शैलपुत्र्यै नमः”
पूजा विधि: कलश स्थापना के साथ माँ शैलपुत्री की पूजा करें। घी का दीपक जलाएं और पीले फूल चढ़ाएं।
2. द्वितीय दिवस – ब्रह्मचारिणी माता
रंग: हरा
मंत्र: “ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः”
पूजा विधि: दही-शक्कर या मिश्री का भोग लगाएं। संयम और तप का ध्यान करें।
3. तृतीय दिवस – चंद्रघंटा माता
रंग: ग्रे (स्लेटी)
मंत्र: “ॐ चंद्रघंटायै नमः”
पूजा विधि: सफेद फूल अर्पित करें, शांति और शक्ति की कामना करें।
4. चतुर्थ दिवस – कूष्मांडा माता
रंग: नारंगी
मंत्र: “ॐ कूष्मांडायै नमः”
पूजा विधि: हलवे का भोग लगाएं। यह रूप ब्रह्मांड की सृष्टिकर्त्री मानी जाती हैं।
5. पंचम दिवस – स्कंदमाता
रंग: सफेद
मंत्र: “ॐ स्कंदमातायै नमः”
पूजा विधि: केले का भोग चढ़ाएं। यह रूप ज्ञान और मोक्ष देने वाला है।
6. षष्ठम दिवस – कात्यायनी माता
रंग: लाल
मंत्र: “ॐ कात्यायन्यै नमः”
पूजा विधि: दही और शहद का भोग लगाएं। विवाह योग्य कन्याएं विशेष रूप से इस दिन व्रत रखती हैं।
7. सप्तम दिवस – कालरात्रि माता
रंग: नीला
मंत्र: “ॐ कालरात्र्यै नमः”
पूजा विधि: गुड़ का भोग लगाएं। यह रूप बुरी शक्तियों का नाश करती हैं।
8. अष्टम दिवस – महागौरी माता
रंग: गुलाबी
मंत्र: “ॐ महागौर्यै नमः”
पूजा विधि: नारियल या खीर का भोग चढ़ाएं। यह दिन कन्या पूजन के लिए विशेष माना जाता है।
9. नवम दिवस – सिद्धिदात्री माता
रंग: बैंगनी
मंत्र: “ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः”
पूजा विधि: तिल या चने का भोग लगाएं। यह रूप सभी सिद्धियाँ प्रदान करती हैं।
हर दिन की पूजा श्रद्धा, स्वच्छता और नियमों के साथ करें। देवी के मंत्रों का जाप, दीप जलाना और फल-फूल अर्पण करना नवरात्रि पूजा का मूल होता है।
नवरात्रि की पूजा में सबसे ज़रूरी है सच्ची श्रद्धा, पवित्रता और नियमों का पालन। हर दिन माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें, दीप प्रज्वलित करें और उन्हें फूल-फल अर्पान कर अपनी भक्ति अर्पित करें – यही इस पावन पर्व की आत्मा है।

पूजा विधि की सही जानकारी के लिए आप यहा भी visit कर सकते है : TemplePurohit – Navratri Puja Vidhi जहाँ पूजा के चरण-बद्ध तरीके और नियम विस्तार से दिए गए हैं।

🗓️ Navratri 2025 कैलेंडर: नौ दिनों की पूजा, तिथियाँ और देवी स्वरूप

2025 की नवरात्रि तिथियाँ और पूजा विधियाँ के कैलेंडर चार्ट: नौ दिनों की पूजा तिथियाँ और देवी स्वरूप शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक

व्रत विधि और नियम : व्रत कैसे रखें, क्या खाएं और क्या न खाएं??

नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए व्रत रखना एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। व्रत रखने वाले भक्तों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए ताकि साधना फलदायी हो।
✅ व्रत कैसे रखें:
नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना और संकल्प के साथ करें।
प्रतिदिन माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा, मंत्र जाप, और आरती करें।
व्रतधारी दिन में एक बार फलाहार करें या निर्जल व्रत भी रख सकते हैं (क्षमता अनुसार)।
🍎 क्या खाएं:
फल, दूध, दही, साबूदाना, सिंघाड़ा आटा, राजगीरा आटा, समा के चावल।
सेंधा नमक का ही प्रयोग करें।
🚫 क्या न खाएं:
लहसुन, प्याज, अनाज, नमक (साधारण), चावल, गेहूं, मसाले आदि वर्जित हैं।
मांसाहार, तम्बाकू ,शराब और नकारात्मक विचारों से दूर रहे।
🧘‍♂️ ध्यान दें:
नवरात्रि व्रत तभी सफल होता है जब हम शुद्ध आचरण रखें, मन शांत रखें और संयम बनाए रखें। यह व्रत केवल खान-पान का नहीं, बल्कि तप, भक्ति और आत्म-नियंत्रण का पर्व है।

नवरात्रि व्रत में खाए जाने वाले फल, सूखे मेवे, दूध, दही और पारंपरिक भोजन का पूजा स्थल पर सुंदर सजावटी प्रदर्शन।

नवरात्रि से जुड़े त्योहार – दशहरा आदि

"दशहरा उत्सव में रावण दहन की छवि, भीड़ के बीच आतिशबाज़ी और विजय की भावना के साथ

नवरात्रि के अंतिम दिन के बाद दशहरा (जिसे विजयादशमी कहा जाता है) बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। यह पर्व दर्शाता है कि अंततः सत्य की ही जीत होती है। नौ दिनों की माँ दुर्गा की आराधना के बाद दसवें दिन रावण दहन के जरिए बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक उत्सव मनाया जाता है।
कुछ जगह नवरात्रि के दौरान ही रामलीला, गरबा, और दुर्गा विसर्जन जैसे आयोजन भी किया जाता है। बंगाल में यह समय दुर्गा पूजा के रूप में बेहद भव्य रूप से मनाया जाता है।
इस तरह, नवरात्रि सिर्फ उपासना और व्रत का समय नहीं है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और सामाजिक एकता को मजबूत करने वाला उत्सव भी है। यह पर्व हमें भक्ति के साथ–साथ सत्कर्मों की प्रेरणा देता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।

❓FAQs – नवरात्रि से जुड़े सामान्य प्रश्न

1. नवरात्रि 2025 में कब शुरू हो रही है?
→ शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 30 सितंबर को समाप्त होगी।
2. क्या नवरात्रि में व्रत रोज़ जरूरी होता है?
→ नहीं, श्रद्धा अनुसार कोई एक, दो या सभी दिन व्रत रख सकते हैं।
3. व्रत में क्या खा सकते हैं?
→ फल, दूध, साबूदाना, समा के चावल और सेंधा नमक खा सकते हैं।
4. क्या प्याज और लहसुन वर्जित हैं?
→ हां, नवरात्रि में सात्विक भोजन का पालन करना चाहिए।
5. कन्या पूजन कब किया जाता है?
→ अधिकतर लोग अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं।
6. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना ठीक है?
→ परंपरागत रूप से नवरात्रि में बाल, दाढ़ी या नाखून नहीं कटवाए जाते।
7.दशहरा और नवरात्रि में क्या संबंध है?
→ दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है। यह पर्व माँ दुर्गा की विजय और श्रीराम द्वारा रावण पर जीत का प्रतीक है, जो यह दर्शाता है कि अंत में अच्छाई की ही जीत होती है।

निष्कर्ष (conclusion):

सही तिथियों और विधियों का महत्व-


2025 Navratri Dates and Puja Vidhi का सही तरीके से पालन करना हर भक्त के लिए महत्वपूर्ण है। सही तिथियाँ और पूजा विधियाँ न केवल धार्मिक दृष्टि से सही हैं, बल्कि यह हमारे जीवन के नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा, सुख और समृद्धि भी लाती हैं।

Complete Guide का उपयोग

2025 Navratri Dates and Puja Vidhi के इस Complete Guide में 2025 की नवरात्रि की सभी महत्वपूर्ण तिथियाँ, शुभ मुहूर्त और पूजा विधियाँ स्पष्ट रूप से और सरल तरीके से देने की प्रयास किया गया है। इसके अनुसार अपनी पूजा और व्रत योजना बनाएं और त्यौहार का आनंद ले।

🔔 आपको यह जानकारी कैसी लगी? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर साझा करें। इस साल नवरात्रि का त्योहार आपके लिए और भी लाभकारी और आनंदमय बन सके।

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